Ambulance Helpline Number: भारत में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत आम जनता को 102 और 108 नंबर के माध्यम से एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस मिशन के तहत इस समय देश के लगभग 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने यहां के लोगों को एंबुलेंस सेवा मुहैया करवा रहा है। इन राज्यों/प्रदेशों का कोई भी अमीर या गरीब नागरिक जरूरत के समय 102 या 108 नंबर डायल करके एंबुलेंस को बुला सकता है। यह नंबर टोल फ्री नंबर है जो मोबाइल या लैंडलाइन के माध्यम से डायल किए जा सकते हैं।
तो आइए जानते हैं कि आम जनता टोल फ्री नंबर 102 और 108 नंबर को किन-किन परिस्थितियों में डायल कर सकती है और इन टोल फ्री नंबर के माध्यम से कितने समय में एंबुलेंस आपके बताएं स्थान पर पहुंच सकती है आदि के बारे में जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को नीचे तक जरूर पढ़ें।
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Ambulance Helpline Number
आज के समय में बीमारियां इतनी बढ़ गई है कि इंसान को कब स्वास्थ्य समस्या हो जाए। कई बार तो ऐसी स्थिति सामने आ जाती है कि तुरंत हॉस्पिटल जाना पड़ता है। जिसके लिए एंबुलेंस की आवश्यकता होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नेशनल हेल्थ मिशन के तहत क्रिटिकल केयर सेवाओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए एंबुलेंस सेवाए चलाई जा रही है। नागरिक 102 और 108 नंबर डायल करके हॉस्पिटल जाने के लिए अपने स्थान पर एंबुलेंस बुला सकते हैं। इन हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को 30 मिनट और शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को 20 मिनट के अंदर-अंदर ही एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है।
नेशनल हेल्थ मिशन की अधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार देशभर में 108 नंबर के लिए 10,993 एंबुलेंस और 102 नंबर के लिए 9995 एम्बुलेंस काम कर रही है। इसके अलावा देश के कुछ राज्य 5126 एंबुलेंस अलग से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपयोग कर रहे हैं।
102 और 108 नंबर क्या है?
देश के नागरिकों को तुरंत एंबुलेंस की सेवा प्रदान करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दो टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। जिनके माध्यम से मरीज और उसके परिजन एक फोन के माध्यम से एंबुलेंस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। फिर चलिए जानते हैं कि यह Ambulance Helpline Number कौन-कौन से हैं।
- 102 एंबुलेंस नंबर- यह एक टोल फ्री नंबर यानी इस नंबर पर कॉल करने पर कोई पैसा नहीं लगेगा, 102 सेवा एक निशुल्क एंबुलेंस सेवा है जो लोगों को 24×7 सेवा प्रदान करती है। इस नंबर से सामान्य जरूरतों के लिए एंबुलेंस सेवा का लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं और बच्चों के इलाज के लिए भी इस सेवा का उपयोग किया जा सकता है। देश के कई राज्य इस समय जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत पात्र मरीज को फ्री में हॉस्पिटल पहुंचाने, रिफर करने पर दूसरे अस्पताल पहुंचाने और बच्चे और मां को वापस घर पहुंचाने की सुविधा निशुल्क प्रदान कर रहे हैं।
- 108 एंबुलेंस नंबर- दुर्घटना में घायल लोगों को, गंभीर मरीजों को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए 108 टोल फ्री नंबर का उपयोग किया जा सकता हैं। इसके अलावा तेज पेट दर्द, सांस की दिक्कत होने पर, दिल का दौरा पड़ने पर, जानवर के काटने पर, अचानक बेहोश होने पर, किसी तरह का कोई अपराध होने, आग लगने पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की आवश्यकता पड़ने पर, आदि स्थितियों में टोल फ्री नंबर 108 डायल करके एंबुलेंस बुलाई जा सकती हैं। यह नंबर भी नागरिकों को 24×7 सेवा प्रदान करता है।
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बेवजह 102 और 108 नंबर पर ना करें कॉल
आप सबसे निवेदन है कि 102 और 108 नंबर पर बहुत अधिक जरूरत पड़ने पर ही कॉल करें। क्योंकि आशियाना सयहित कॉल सेंटर हर दिन हजारों लोग जरूरत होने पर कॉल करते हैं। अगर आप बेवजह इन नंबरों पर कॉल करेंगे तो कॉल ज्यादा होने की वजह से आपातकालीन सेवाओं में बाधा आएगी। जिससे जरूरतमंदों को समय पर सेवा नहीं मिल पाएगी। इसलिए आपसे हम यही कहेंगे कि जब आपको जरूरत हो तभी आप इन नंबरों पर फोन करें और एंबुलेंस की सेवा का लाभ उठाएं।
देशभर में लगभग 26 हजार एंबुलेंस की जा रही है संचालित
इस समय देश भर में 26000 एंबुलेंस जिसमें 10,993 एंबुलेंस 108 सेवाओं और 9995 एंबुलेंस 102 सेवाओं के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा 5126 एंबुलेंस कुछ राज्य अलग से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न योजनाओं के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। एंबुलेंस में एंड्रॉयड मोबाइल फोन भी दिए गए हैं। ताकि मोबाइल फोन के माध्यम से एंबुलेंस से जुड़ी जानकारी जैसे- रिपोर्टिंग, स्टाफ की स्थिति के साथ-साथ अन्य दैनिक कार्य किए जा सके। एंबुलेंस सेवा 108 और 102 पर्यावरण को बचाने की दिशा में भी अपना योगदान प्रदान कर रही है।
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