दोस्तों आज हम आपको केंद्र सरकार की श्रेयस योजना के बारे में बात करेंगे। भारत एक विकासशील देश है जहा बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। इस समस्या के निवारण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय एक योजना लेकर आया है जिसका नाम श्रेयस योजना रखा गया है। इस योजना के तहत सरकार युवाओ को फ्री स्किल डेवलोपमेन्ट स्कीम के तहत ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगी। जिससे पुरे भारत में नए स्नातकों को कौशल प्रशिक्षण के अंतर्गत ट्रेनिंग जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्नातकों को रोजगार उपलब्ध कराना व उद्योगों में अच्छी नौकरी पाने में सहायता प्रदान करना है।
केंद्र सरकार द्वारा चलित श्रेयस योजना
हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिये श्रेयस कार्यक्रम की शुरुआत की है। b केंद्र सरकार द्वारा शरू की गयी श्रेयस योजना का उद्देश्य बेरोजगार युवाओ को ट्रेनिंग प्रदान कर रोजगार उपलब्ध कराना है। जिससे युवा देश की उन्नति में अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर सके जिसके लिए सरकार कौशल प्रशिक्षण तथा ओधोगिक शिक्षुकता के अवसर युवाओ के लिए उपलब्ध कराएगी। इस योजना में सरकार युवाओ को वजीफा भी देगी जिससे जिन युवाओ के पास डिग्री है उन्हें और अधिक कुशल व सक्षम बनाया जा सके। इस योजना से डिग्री प्राप्त कर चुके गैर तकनीकी क्षेत्रों में पढ़ रहे युवाओ को उधमी बनाने में सहयोग प्राप्त होगा। योजना से सम्बंधित प्रमुख तथ्यों का विवरण निम्नलिखित है।
श्रेयस योजना के बारे में
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श्रेयस योजना के उद्देश्य तथा लक्ष्य
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा श्रेयस योजना (National Apprenticeship Promotional Scheme-NAPS) के माध्यम से आने वाले सत्र के सामान्य स्नातकों को औद्योगिक शिक्षुता के अवसर प्रदान करने के लिये उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिये प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
- भारत में डिग्रीधारी छात्रों को अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुसार अधिक कुशल, सक्षम, रोज़गारपरक और संगठित किये जाने की आवश्यकता है ताकि वे देश की प्रगति में अधिकतम योगदान कर सकें और लाभकारी रोज़गार भी प्राप्त कर सकें।
- श्रेयस योजना में तीन केंद्रीय मंत्रालयों को शामिल किया गया है जिओ निम्न है – मानव संसाधन विकास मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और श्रम एवं रोज़गार मंत्रालयइसके साथ-साथ ही इस कार्यक्रम में सभी राज्यों से सहयोग की भी अपेक्षा की गई है।
- वर्तमान में चल रहे अधिकतर पाठ्यक्रमों में हेल्थकेयर (Healthcare), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics) और मीडिया क्षेत्र शामिल हैं।
- इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कौशल विकास के लिये विज्ञान और उद्यमिता के क्षेत्र में 7 अन्य अपरेंटिसशिप पाठ्यक्रम को BBA (Bachelor of Business Administration) और BVoc (Bachelor of Vocation) पाठ्यक्रम अंतर्गत संलग्न किया है।
- वर्तमान समय में कौशल के साथ शिक्षा समय की आवश्यकता है। तथा श्रेयस कार्यक्रम इस दिशा में एक बड़ा प्रयास होगा।
श्रेयस योजना के उद्देश्य तथा लक्ष्य
- इसका उद्देश्य अच्छी गुणवत्ता वाली जनशक्ति सुनिश्चित करके व्यापार/उद्योग क्षेत्र में सहयोग करना है।
- इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली सीखने की प्रक्रिया के तहत छात्रों में रोज़गार प्रासंगिकता की शुरुआत कर उनकी क्षमता में सुधार करना।
- इसमें स्थायी तौर पर शिक्षा और उद्योग व सेवा क्षेत्रों के बीच सकारात्मक कार्य करना।
- योजनाओ के माध्यम से सरकार के प्रयासों को सुविधाजनक बनाकर छात्र समुदाय को रोज़गार से जोड़ना।
- समय की मांग के अनुरूप छात्रों को प्रगतिशील तरीके से कौशल प्रदान करना।
- उच्च शिक्षा के दौरान सीखने के साथ आय अर्जन सुनिश्चित करना भी इसका एक लक्ष्य है।
महत्वपूर्ण लिंक्स –
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Bahut hi aachi yojna h PM ji ki
I need job