दोस्तों नमस्कार जैसे कि आप सब लोग जानते है केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा Prithvi Vigyan Yojana को शुरू किया गया। इसके माध्यम से अभिनव कार्यक्रमों और विज्ञान अनुंसधान का विकास किया किया जाएगा। इस योजना के यह एक पहल और इसकी अवधि पांच साल है और इसके संबंध मे पांच उप योजनाए शामिल है। विकास प्रयास मौसम जलवायु, महासागर, भूकंपीय, सुनामी और तूफान जैसे चुनौतियों का समाधान करना और जीवित संसाधनों का पता लगाना। पृथ्वी विज्ञान योजना के तहत महत्वपूर्व संकेतो को रिकॉर्ड करने के लिए मौसम की भविष्यवाणी करके जलवायु परिवर्तन, महासागर और जलवायु खतरे जो समझना। इस योजना के तहत लगत 4797 करोड़ रु आवंटित की गई है और संसाधनों की खोज करने की दिशा मे उच्च समुद्रो की खोज की जाएगी। अगर इस आर्टिकल से जुड़ी जानकारी प्रदान करना चाहते है तो लेख को पूरा अंत तक पढ़े।
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Prithvi Vigyan Yojana
इस योजना के माध्यम से परिवर्तन के संकेतो को रिकॉर्ड करने और वायुमंडल, महासागर और जलवायु के खतरों को समझने के लिए भविष्यवाणी की जाएगी। संसाधनों की खोज करने की दिशा मे समुद्रो क्षेत्रों की भी खोज की जाएगी। जल विज्ञान, महासागर सेवाएं, भूकंप, और प्राकर्तिक खतरों जैसे क्षेत्र शामिल है जिनमे पहला एडवांस विज्ञान की दिशा मे महत्वपूर्व का प्रतीक है। तूफान, आंधी, गर्मी, बाढ़ और भूकंप आदि प्राकर्तिक आपदाओं के लिए अलर्ट किया जाएगा। पृथ्वी विज्ञान योजना पांच घटको से संबंधित है जिसमे जीवमंडल, भूमंडल, वायुमंडल, करियोस्फियर और जलमंडल शामिल है।देश को सेवाएं प्रदान करने और विज्ञान की समझ मे सुधार लाने के लिए पांच घटक शामिल करेंगे। Prithvi Vigyan Yojana के तहत पांच साल के लिए 4797 करोड़ रु की लागत के लिए मंजूरी दे दी है।
पृथ्वी विज्ञान योजना का उदेश्य
इस योजना का मुख्य उदेश्य परिवर्तन के महत्वपूर्व संकेतो को रिकॉर्ड करने महासागर, भूमंडल, वायुमंडल और करियोस्फियर को बढ़ाना। संसाधनों की खोज आने वाले समय मे प्रौद्योगिकी का विकास शामिल है। Prithvi Vigyan Yojana मे वर्त्तमान मे चल रही पांच योजनाए शामिल है जिससे विज्ञान के स्तर मे सुधार आएगा। 6 गतिविधियॉ पृथ्वी विज्ञान योजना के तहत शामिल है जिनमे भूकंप और पृथ्वी की ठोस आदि। महासागर, जलवायु खतरे और जलवायु परिवर्तन के विज्ञान को समझना और चुनौतियों का समाधान करने के लिए संसाधनों का पता लगाने मे मदद करेगी। मॉडलिंग सिस्टम का विकास जल परिवर्तन के विकास को समझने के लिए किया जाएगा। संकेतो को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल महासागर, भूमंडल और आर्थिक विज्ञान से ज्ञान का अनुवाद किया जाएगा और खतरों से संबंधित सेवाओं को सौपा गया है।
Overview of Prithvi Vigyan Yojana
योजना का नाम | पृथ्वी विज्ञान योजना |
शुरू की गई | नरेंद्र मोदी जी द्वारा |
कितने रु की लागत | 4797 करोड़ रु |
लाभ | सामाजिक और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा |
उदेश्य | संकटो को रिकॉर्ड करना जिससे स्तर मे सुधार आएगा |
Benefits of पृथ्वी विज्ञान योजना
- 4797 करोड़ रु की अनुमति कैबिनेट द्वारा मिल गई है।
- देश के विभिन्न संस्थानों को साथ मिलाकर लागू किया गया।
- मौसम, जलवायु, महासागर, भूकंप विज्ञान और प्राकर्तिक खतरो की सेवा प्रदान की जाएगी।
- समुंद्री जीवित संसाधनों की खोज की जा सकेगी और मौसम से संबंधित चेतावनी देनी होगी।
- वर्तमान मे इस योजना के तहत पांच योजनाए शामिल है।
- वायुमंडल, जलवायु, महासागर, भूमंडल, ठोस पृथ्वी और करियोस्फियरको बढ़ाना और बनाए रखना।
- Prithvi Vigyan Yojana से मौसम को समझने के लिए भविष्यवाणी की जाएगी।
- इसके लिए मॉडलिंग सिस्टम का विकास किया जा सकेगा।
- विज्ञान से ज्ञान प्राप्त करके डाटा को सामजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ दिया जाएगा।
- सेवाओं का इस्तेमाल करने और नूकसान को कम करने के लीयूए प्रभावी तरीके का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- केंद्रीय मंत्रालय द्वारा इस योजना को मंजूरी दी है।
- महासागरीय सर्वेक्षण जारी रखना और सजीव संधानो को उपयोग करना।
- सेवाओं को बड़ी चुनौती का समाधान करने और गैर जीवित संसाधनों का पता लगाने मे मदद करेंगे।
- देश मे व्यापक अध्ययन मे संसाधनों की खोज के लिए विकसित की जाएगी।
- भारत की क्षमताओं को मजबूत करेगी जिससे जीवन और संपत्ति की सुरक्षा होगी।
- भविष्यवाणी और रख रखाव को समझने के लिए प्रणालियों का विकास करेगी।
- सरकार द्वारा 5 साल की अवधि के लिए मजूरी है।
- नई घटनाओं संसाधनों की खोज करने की दिशा और उच्च समुद्री क्षेत्र की खोज की जाएगी।
- टेक्नोलॉजी का भी विकास संसाधनों की खोज करने से होगा।
- सामाजिक और आर्थिक सेवाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा।
- पांच घटको को समग्र मे शामिल होंगे और यह एक दूसरे पर निर्भर है।
- सरकार द्वारा प्राकर्तिक आपदाओं से लोगों को बचाने और नुकसान को कम करने के लिए किया जाएगा।
- मौसम को समझने और चुनौतियों का समाधान जीवित करने के लिए किया जा सकेगा।
- सभी प्रकार की आपदाओं से पहले चेतावनी देनी होगी।
Prithvi Vigyan Yojana के पांच अहम पहलू
- पोलर साइंस एंड क्रॉयोस्फीयर रिसर्च
- सीस्मोलॉजी और जियोसाइस
- रिसर्च, एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड आउटरीच
- एटमॉस्फेर एंड क्लाइमेट रिसर्च मॉडलिंग ऑब्जर्विंग सिस्टम
- ओशियन सर्विसेज, मॉडलिंग एप्लीकेशन, रिसोर्स एंड टेक्नोलॉजी
FAQ’s
Ans : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा।
Ans : 4,707 करोड़ रु।
Ans : संकेतो के आकड़ो को रिकॉर्ड करना और मौसम को समझना।
Ans : पहलू 5।
Ans : 3 धुर्वो।
Ans : अनुसंधान और नए कार्यक्रमो का अध्यन करने की क्षमता विकसित की जाएगी और संकेतो को भी रिकॉर्ड किया जा सकेगा।